Detailed Notes on hindi kahani short

हिंदी कहानियां लिखी हुई

जब सालों से परदेश गये पति उनके सामने खड़े थे वो रोते हुए उनसे लिपट गईं.

लड्डू लेकर ऊपर उछालने लगे. लड्डू जब नीचे आते तो मुहं खोल कर लपकते. लड्डू जमीन पर गिरते और चूर चूर हो जाते.

देवी की बातों को सुनकर मोर समझ गया कि दूसरों से तुलना नहीं करनी चाहिए बल्कि खुद के हुनर की सराहना करनी चाहिए और उसे और निखारना चाहिए। मोर उस दिन समझा कि हर व्यक्ति किसी न किसी तरह से यूनिक होता है।

दूसरी तरफ दानवों ने शर्त का पालन किया, लड्डू उछालते रहे, उन्हें पाने के लिए लपकते रहे, न खुद खाए न दूसरों को खाने दिए. लड्डू तो बिगड़े ही, पेट भी न भरा.

तब वह बोला- भासुरक कौन हैं ? क्या उसे ज्ञात नही कि यह जंगल तो मेरा हैं ?

क्योंकि परीक्षा के बाद उन्हें सभी वस्तुएं उनकें मालिक को वापिस करनी थी.

ये कहानियाँ और उससे मिलने वाली सीख छोटे बच्चों को जरुर बताएं.

तब वह कुरज उन बच्चों के चुग्गे की खोज में उड़ी. उड़ते-उड़ते उन्हें तोते के पंख जैसा हरा खेत नजर आया.

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श्रीकृष्ण ने उन्हें प्रकट रूप में कुछ नहीं दिया.

यह कहानी युगों–युगों से कही और बताई जाती रही है, लेकिन निश्चित रूप से यह एक ऐसी कहानी है जो आपके बच्चे को एक महत्वपूर्ण सीख देती है जो जीवनभर उसके साथ रहता है। आप इस कहानी का क्लासिक रूप भी बच्चों को सुना सकते हैं या कुछ वेरियशन के साथ भी सुना सकते हैं जो कि आपके बच्चे को सीखने के लिए एक मूल्यवान पाठ सबित होगा ।

चमनपुर गाँव पहाडियों के बिच बसा हुआ हैं, गाँव से थोड़ी दूर पाठशाला थी.

बालसाहित्य, हिंदी, सचित्र, गोद लेना, अनाम

इससे अधिक देना मेरे हाथ की बात नही, उसने काफी निहोरे किये,

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